हर एक मनुष्य को एक
दूसरे के साथ संवाद करने के लिए एक भाषा की जरूरत होती है. भाषा अलग अलग जगह (देश
या राज्य) में अलग अलग हो सकती है। प्रत्येक भाषा का अपना व्याकरण और शब्दों का
संग्रह होता है। जिसका उपयोग करके हम अपनी दिमाग या मन में सोच रहे बातो को दूसरों
के सामने व्यक्त कर पाते हैं।ठीक उसी तरह कंप्यूटर का भी अपना भाषा है, जिसकी मदद
से वह इंसानो (हमारे) द्वारा दिए गए कमांड (instruction) को समझकर हमारे समस्या का
समाधान करके परिणाम प्रदर्शित करता है|
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक प्रकार की कृत्रिम भाषा है, जो की एक कंप्यूटर और मनुष्य के बिच में संवाद के लिए एक प्रकार से पुल (Bridge) का काम करता है। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की मदद से ही एक इंसान कंप्यूटर को कोई कार्य करने का अनुदेश देता है, जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर उस समस्या का हल आउटपुट युक्तियों (Device) के जरिये प्रस्तुत करता है। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग हम प्रोग्राम लिखने के लिये, कलन विधियों को सही रूप व्यक्त करने के लिए, या मानव संचार के एक साधन के रूप में भी कर सकते हैं।
आपने सीखा :-
कम्प्यूटर भाषायें अनेक प्रकार की होती है, जिनके अपने अलग अलग संकेत, कैरेक्टर और प्रयोग करने के नियम होते हैं जो की हम इंसान को कम्प्यूटर से संवाद(communicate) करने में सहायता करते हैं ।
आज के इस ब्लॉग में आपको सिखने को मिलेगा की- कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (भाषा) क्या है, और इनके कितने प्रकार हैं?; What is computer Programming Language?; Types of programming language in Hindi.
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज क्या है?
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज एक प्रकार की कृत्रिम भाषा है, जो की एक कंप्यूटर और मनुष्य के बिच में संवाद के लिए एक प्रकार से पुल (Bridge) का काम करता है। प्रोग्रामिंग लैंग्वेज की मदद से ही एक इंसान कंप्यूटर को कोई कार्य करने का अनुदेश देता है, जिसके फलस्वरूप कंप्यूटर उस समस्या का हल आउटपुट युक्तियों (Device) के जरिये प्रस्तुत करता है। प्रोग्रामिंग भाषाओं का प्रयोग हम प्रोग्राम लिखने के लिये, कलन विधियों को सही रूप व्यक्त करने के लिए, या मानव संचार के एक साधन के रूप में भी कर सकते हैं।
कम्यूटर प्रोग्राम का प्रयोग केवल कंप्यूटर में Coding के लिए ही नहीं बल्कि कुछ मशीनो को प्रोग्राम करने के लिए किया जाता है
इस समय लगभगग 2500 से अधिक प्रोग्रामिंग लैंग्वेज है, जिसमे कुछ प्रोग्रामिंग लैंग्वेज उदाहरण के लिए दी गयी है - FORTRAN,
COBOL, C, C++, JAVA, HTML आदि।
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के प्रकार(Types):-
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज के मुख्यतः (mainly) 2 प्रकार ही हैं।
1. निम्न स्तरीय भाषा (Low Level Language)
2. उच्च स्तरीय भाषा (High Level Language).
कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज में ही कुछ भाषाएँ ऐसी है जिसको की सिर्फ कंप्यूटर ही समझता है, हम इंसान उस भाषा को आसानी से नहीं समझ सकते हैं, इन्हे हम कंप्यूटर की भाषा में निम्न स्तरीय भाषा या Low Level Language कहते हैं, और जिस कंप्यूटर भाषा को हम समझते है और उसी की मदद से पुरे कंप्यूटर सिस्टम को चलाते (ऑपरेट करते) हैं, इन्हे हम उच्च स्तरीय भाषा या High Level Language कहते हैं।
निम्न स्तरीय भाषा (Low Level Language):-
यह प्रोग्रामिंग लैंग्वेज मशीनी स्तर पर coding
की गयी होती है, जिसको की कंप्यूटर या मशीन के द्वारा बहुत आसानी से समझा जाता है. किंतु किसी आम लोग के लिए यह भाषा समझना लगभग असंभव होता है| निम्न स्तरीय भाषा में मशीन या कंप्यूटर को सभी निर्देश बाइनरी कोड के जरिये प्रोग्राम करके दिया जाता है| बाइनरी कोड्स में सिर्फ दो नंबर 0 और 1 होते हैं, जिसका इस्तेमाल करके पूरी कोडिंग की जाती है|
चूँकि इस भाषा को हम इंसानों द्वारा समझना बहुत कठिन है, इसलिए इसे निम्न स्तरीय भाषा कहते है | इसे मशीन लैंग्वेज या बाइनरी लैंग्वेज भी खा जाता है|
निम्न स्तरीय भाषा की दो भागो में बांटा गया है-
1. मशीनी भाषा (Machine Language)
- असेंब्ली भाषा(Assembly Language)
मशीनी भाषा:-
यह प्रोग्रामिंग लैंग्वेज मशीनी स्तर पर coding
की गयी होती है, जिसको की कंप्यूटर या मशीन के द्वारा बहुत आसानी से समझा जाता है. किन्तु किसी आम लोग के लिए यह भाषा समझना लगभग असंभव होता है| निम्न स्तरीय भाषा में मशीन या कंप्यूटर को सभी निर्देश बाइनरी कोड के जरिये प्रोग्राम करके दिया जाता है| बाइनरी कोड्स में सिर्फ दो नंबर 0 और 1 होते हैं, जिसका इस्तेमाल करके पूरी कोडिंग की जाती है|
असेम्ब्ली भाषा :-
असेम्ब्ली भाषा में प्रोग्रामर किसी मशीन की प्रोग्रामिंग के लिए बाइनरी कोड्स की बजाय कमांड्स का उपयोग करते हैं जो कुछ अंग्रेजी भाषा के शब्द होते हैं और कुछ अल्फान्यूमेरिक कोड
(alphanumeric codes) होते हैं| जिन्हे नेमोनिक (mnemonics) कहते हैं | किसी भी मशीन को चलने के लिए प्रोसेस्सर का अहम दायित्व होता है | 8085, 8086 आदि जैसे कई अलग अलग प्रोसेस्सर होते है और प्रत्येक अलग अलग प्रोसेसर को अलग अलग तरीके से कोड किये जाता है| सभी प्रोसेसर के लिए अलग अलग कोड्स एक मनुष्य के लिए कठिन है|
इस language का ज्यादातर इस्तेमाल माइक्रोप्रोसेसर(microprocessor) और माइक्रोकंट्रोलर(microcontroller) के प्रोग्रामिंग के लिए किया जाता है. माइक्रोप्रोसेसर का इस्तेमाल A.C, MicriwaveOven, Fridge , Washing machine वगेर में इस्तेमाल किया जाता है|
उच्च स्तरीय भाषा(HLL):-
इस प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को समझना हमारे लिए आसान होता है क्युकी इस लैंग्वेज में प्रोग्राम कोड्स अंग्रेजी शब्द से काफी मिलते जुलते होते है|चूँकि मशीन के लिए इस भाषा को समझना कठिन होता है, इसलिए मशीन कम्पाइलर का इस्तेमाल करके उच्च स्तरीय भाषा की मशीनी भाषा में परिवर्तित करके समझता है|
कम्पाइलर(compiler) HLL(High Level
Lang.) प्रोग्राम्स को compile करके machine लैंग्वेज में बदल देता है|
कुछ अन्य posts के link :
High Level Language के फायदे -
1.
इस
प्रोग्रामिंग लैंग्वेज को
कोई
भी
आसानी
से
समझ
सकता
है
और
प्रोग्रामिंग कर
सकता
है
|
2.
यह
लैंग्वेज मशीन
पर
निर्भर
नहीं
होता
है
और
इसमें
errors भी
कम
होते
हैं
|
3.
Software
और
Programs बनाने
के
लिए
High Level language का
use किया
जाता
है,
जिसमें
changes करना
और
इसे
maintain करना
बहुत
easy होता
है|
4.
HLL
में
लिखे
प्रोग्राम्स किसी
भी
कंप्यूटर में
execute किये
जा
सकते
हैं
|
High Level Language के नुक्सान -
1.
इस
लैंग्वेज में
लिखे
गए
प्रोग्राम्स को
कंप्यूटर को
compile करके
मशीन
लैंग्वेज में
कन्वर्ट करना
पड़ता
है|
2.
Source code को object
code में translate करने के बाद शायद ये कंप्यूटर में सही तरह से execute हो सकता है या नहीं भी हो सकता है|
आपने सीखा :-
इस ब्लॉग में हमने आपको कंप्यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (भाषा) क्या होता है? इसके कितने प्रकार होते हैं? High Level Language &
Low Level Language क्या होता है? Machine Language और Assembly Language क्या होता है ? High Level Language के फायदे और नुक्सान के बारे में बताया है।
आशा करता हूँ की आपको यह ब्लॉग पसंद आया होगा, और इसमें दी गयी जानकारी स्पष्ट रूप से समझ में आ गयी होगी।
अगर अब भी आपके मन में कंप्यूटर वायरस के सम्बन्ध में कोई सवाल है या इस ब्लॉग में दी गयी जानकारी में से कुछ समझ में ना आया हो तो आप हमें कमेंट करके अपना सवाल पूछ सकते हैं, हम आपको मदद करने की पूरी कोशिश करेंगे।
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