अगर आपको memory का हिंदी मतलब बताये तो इसका meaning होता है याददाश्त। जैसे आपका दिमाग किसी भी पुरानी बातों को आपके दिमाग में स्टोर करके रखता है, ठीक उसी प्रकार कंप्यूटर में भी किसी भी Data जैसे कोई File,Photos,videos आदि किसी भी तरह का डाटा को स्टोर करने के लिए मेमोरी की जरूरत पड़ती है।
जिस तरह हम इंसानो में दिमाग Data Storage की काम करता है। वैसे ही कंप्यूटर में डाटा को save या स्टोर करके रखने के लिए एक Storage Device चाहिए। इस काम को कंप्यूटर में लगे मेमोरी बढ़िया तरीके से करते हैं।
कंप्यूटर मेमोरी क्या है? (What is Computer Memory?)
कंप्यूटर मेमोरी का इस्तेमाल User (जो computer का इस्तेमाल कर रहा हो ) के द्वारा Input Device (इनपुट) की मदद से जो भी डाटा या instruction ( set of programs) दिया जाता है, उसे संगृहीत (store) या प्रोसेस (process ) करने के लिए किया जाता है।
यह कंप्यूटर का एक ऐसे हिस्सा है जिसके बिना computer कोई भी काम परफॉर्म नहीं कर सकता है | इसलिए इसे कंप्यूटर का दिमाग भी कहा जाता है।
कंप्यूटर मेमोरी की जीतनी भी storage क्षमता होती है। उसे छोटे छोटे पार्ट्स में बराबर में बनते होते है, इन छोटे छोटे पार्ट्स को cell या bit कहते है। हर एक सेल का एक पर्टिकुलर location number होता है, जहां डाटा स्टोर किये जाते हैं। और जब आप अपनी कोई पुरानी स्टोर files ढूंढते हो तो यह आपको उसी location में मिलेगा जहाँ आपने पहले स्टोर किया था।
example : memory location |
चलिए इसको थोड़ा detail में समझते हैं। जैसा की ऊपर के picture में आप देख सकते है, एक बड़ा box है जिसके अंदर कई सारे छोटे boxes है। यहाँ पर बड़ा box पूरी memory के क्षमता है और उसके अंदर छोटे कहते बॉक्स एक पर्टिकुलर location को बताते हैं। एक छोटे बॉक्स की storage 1bit की है मतलब की इस चित्र में 8x8=64 bit की total स्टोरेज क्षमता है।
कंप्यूटर मेमोरी के प्रकार ( Types of Memory ) :
कंप्यूटर मेमोरी के कितने प्रकार हैं ? इस सवाल में काफी लोग confuse हो जाते है या फिर उन्हें अच्छे से नहीं पता होता है। कई लोग तो यह समझते हैं की कंप्यूटर मेमोरी के main 2 ही type primary और secondary है, पर ऐसा नहीं है। कंप्यूटर मेमोरी के कुल 3 (three ) types हैं। जो इस प्रकार है -
- Primary memory (प्राइमरी मेमोरी )
- Secondary memory (सेकेंडरी मेमोरी )
- Cache memory (कैश मेमोरी)
Types of Memory |
Primary memory (प्राइमरी मेमोरी ) :
प्राइमरी मेमोरी ऐसी मेमोरी है जो कंप्यूटर में चल रहे प्रोसेस में use होने वाले data और instruction को स्टोर करके रखता है। क्युकी प्राइमरी मेमोरी को directly CPU( Central Processing Unit ) के द्वारा access किया जाता है इसलिए इसको main memory भी कहा जाता है। कंप्यूटर मेमोरी के अंतर्गत RAM (Random Access Memory) और ROM (Read Only Memory ) आते है। RAM एक Volatile Memory है जबकि ROM एक Non Volatile memory है।
RAM और ROM के बारे में पूरी जानकारी पढ़ने के लिए निचे लिंक पर क्लिक करें :-
- RAM क्या है और इसके कितने प्रकार है ? पूरी जानकारी हिंदी में
- ROM क्या है और इसके कितने प्रकार हैं ? पूरी जानकारी हिंदी में
ROM |
प्राइमरी मेमोरी की विशेषताएं :
- Secondary memory के तुलना में बहुत ज्यादा fast काम करता है।
- कंप्यूटर का लगभग सारा काम इसी प्राइमरी मेमोरी की मदद से होता है
- इसलिए इसे Main Memory भी कहते हैं।
- सेकेंडरी मेमोरी की तुलना में ये ज्यादा महंगे होते हैं।
- एक कंप्यूटर बिना प्राइमरी मेमोरी के एक खाली डिब्बा है।
Secondary memory (सेकेंडरी मेमोरी ) :
वैसी मेमोरी जिनको हम कंप्यूटर में externally ( बाहर से extra memory के रूप में ) इनपुट आउटपुट सिस्टम (BIOS) के मदद से डाटा स्टोर या access करने लिए उपयोग करते है। इसे कंप्यूटर का सेकेंडरी मेमोरी कहा जाता है। इसे Non Volatile memory या permanent memory भी कहा जाता है क्युकी इसमें स्टोर किया गया डाटा हमेशा के लिए स्टोर हो जाता है जब तक की कोई उस data या file को खुद से डिलीट नहीं करता है।
सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर किये हुए डट को अगर आप इस्तेमाल करना चाहे तो आप directly data access नहीं कर सकते हैं उसके लिए पहले आपको अपने डाटा को सेकेंडरी memory से प्राइमरी मेमोरी में transfer करना पड़ेगा।
- यह प्राइमरी मेमोरी की अपेक्षा काफी सस्ता होता है।
- इसे Back Up मेमोरी भी कहा जाता है, क्युकी secondary मेमोरी को डाटा का copy या backup बनाने के लिए उपयोग किया जाता है।
- इसमें कप्यूटर के अचानक ON OFF होने से किसी भी तरह का data lost नहीं होता है।
- इसलिए इसे Non Volatile memory या permanent memory भी कहा जाता है।
- इसकी DTR (Data Transfer Rate ) प्राइमरी मेमोरी की तुलना में काफी काम होती है।
CDROM |
कुछ अन्य posts के link :
Cache memory (कैश मेमोरी):
Cache मेमोरी बहुत ही fast working मेमोरी है जो की RAM और CPU (central Processing Unit ) के बिच एक Buffer की तरह काम करता है। As a Buffer, इसका काम जल्दी से जल्दी data और instruction को CPU तक पहुंचना होता है। ताकि CPU उस instruction को जल्दी से access करके user को output दे सके। कैश मेमोरी का main काम CPU द्वारा processing में लिए जाने वाले समय को काम करना होता है।
Cache memory (कैश मेमोरी) की विशेषताएं :
- यह सबसे Fast process memory है।
- इसकी स्टोरेज क्षमता ( storage size ) primary & secondary की तुलना में बहुत बहुत काम होती है।
- इसकी cost सबसे ज्यादा होती है।
Conclusion:
आज के इस blog को पढ़ने के बाद उम्मीद करते है की आपको कंप्यूटर मेमोरी क्या है? इसके कितने प्रकार होते हैं? आदि जैसे सवालो का जवाब मिल गया होगा। अगर आपको इसमें बताई गयी कोई ऐसी बात जो आपके समझ में नहीं आ रही है तो आप कमेंट करके हमसे पूछ सकते हैं। हम आपके सवालो के जवाब दें की पूरी कोशिश करेंगे।
तो दोस्तों अगर ब्लॉग से आपको कुछ नया सिखने को मिला तो इसे अपने दोस्तों में भी शेयर कीजिये। अगर इस post से related कोई भी सवाल हो तो कमेंट करके पूछ सकते हैं।
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2 टिप्पणियाँ
Bahut Hi badhiya jankari aapka dhnyavaad Ravi ji
जवाब देंहटाएंहमारे website परआपका स्वागत है बस आते रहा करिये website पर।
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