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सोलर पैनल काम कैसे करता है | How Solar panel Works.

दोस्तों जैसे जैसे हम इंसान विकास कर रहे हैं, हम बहुत साडी नयी टेक्नोलॉजी का अविष्कार कर चुके हैं और यह आगे भी जारी हैं | अब क्युकी समय के साथ पुरे विश्व की जनसँख्या भी बढ़ती जाए रही हैं जिससे हम बहुत ही भरी मात्रा में उन सभी उपकरणों का इस्तेमाल कर रहे हैं | जिसके लिए हमें चाहिए पावर जैसे की विधुत शक्ति | 
पूरी विश्व इन सभी ऊर्जा के लिए अब तक प्रकृति से मिलने वाले संसाधनों पर आश्रित हैं, और जिस तरह से इसक उपयोग हमारे द्वारा किया जा रहा है आने वाले समय में इस संसाधनों का समाप्त होना निश्चित हैं | जो आने वाले पीढ़ी के लिए बहुत बड़ी समस्या बनने वाली है | 
तो इस समस्या का समाधान के लिए वैज्ञानिको द्वारा वैसे स्रोतों से ऊर्जा प्राप्त करने की तकनीक लायी गयी है जो कभी समाप्त नहीं होने वाली है, जैसे Wind energy , Tidel Energy, Geothermal energy, Solar Energy etc. 
जिनमे से एक है Solar Energy(सौर ऊर्जा ), हम जानते हैं की सूर्य के पास इतनी ऊर्जा हैं की वह करोड़ो साल तक धरती पर ऊर्जा प्रदान कर सकता है | पर हमें सूर्य से विधुत शक्ति प्राप्त करने के लिए एक सोलर सेल की आवश्यकता पड़ती है | तो चलिए आगे हम जानते हैं की सोलर सेल क्या होता है |

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सोलर पैनल क्या है 

सोलर सेल क्या है ?

सोलर सेल एक सेमीकंडक्टर पदार्थ से बना एक ऐसा यंत्र है, जो की सूर्य के प्रकाश ऊर्जा को को विधुत ऊर्जा में परिवर्तित कर देता है |
Image source (Wikipedia )

सोलर पैनल क्या है ?

सोलर सेल सोलर पैनल का एक छोटी इकाई है, जब हम अनेक सोलर सेल को एक साथ मिला कर ऊर्जा प्राप्त करते है | उसे सोलर Module कहते हैं | 
finally, जब हम बड़ी मात्रा में ऊर्जा प्राप्त करने के लिए बहुत सारे सोलर module को एक साथ series (शृंखलाबद्ध श्रेणी)  में आपस में कनेक्ट करके एक कम्पलीट सिस्टम तैयार करते हैं तो  उसे हम सोलर पैनल कहते हैं |  जैसे की आप निचे दिए गौए fig. में देख सकते हैं | 

सोलर पैनल काम कैसे करता है |

सोलर पैनल से जुडी बेसिक जानकारी के बाद चलिए अब हम जानते हैं की सोलर पैनल काम कैसे  है?,के बारे में जो की हमारे ब्लॉग का टाइटल है | वैसे तो अलग अलग केटेगरी के सोलर पैनल की वर्किंग प्रोसेस थोड़े अलग हो सकते हैं | तो मै  आपको वैसे प्रोसेस के बारे में आपसे डिसकस करूँगा जो की सभी सोलर पैनल पर लागू होता हैं | 

सोलर पैनल generally three steps में करंट पैदा करने की प्रक्रिया को संपन्न करता है -

Step 1. सूर्य के प्रकाश जिसमे ऊर्जा bundel के फॉर्म में रहता है, जिसको विज्ञानं की भाषा में फोटोन कहा जाता है, वह जैसे ही सोलर पैनल पर पड़ती है और semiconducting प्लेट अब्सॉर्ब किया जाता है जो की usually silicon से बना होता है | यह प्रकाश सिलिकॉन के bonded इलेक्ट्रान में फोटोन के पड़ने पर holes create हो जाते हैं जो इलेक्टोन के bond को loose कर देते है | 

Step 2. क्युकी सिलिकॉन से प्लेट पर दो लेयर p और n होती है जो एकसाथ जुडी होती है जिसे p-n  junction भी कहते है| अब जैसे ही इलेक्ट्रान n layer में loose करते है तो p layer के तरफ इलेक्ट्रॉन्स flow  करने लगती है | 
और हम जानते हैं की इलेक्ट्रान के flow करने से elecricity generate होती है | 

Step 3. अब elecricity तो generate हो  गयी तो हम इसे कोई पावर storage यन्त्र के मदद से इस electricity power को स्टोर कर लेते हैं | जिसका उपयोग हम बाद में कर सके जब सूर्य की प्रकाश की अनुपस्थिति हो | 


Solar Panel से जुडी कुछ तथ्य : 

  1.  चूँकि सोलर पैनल प्रायः सिलिकॉन से बना होता है जिसके कारण इसकी installation कॉस्ट बहुत ज्यादा होती है | लेकिन इसको use करते समय maintenance cost बहुत ही काम होता है | 
  2. सोलर पैनल अधिकतम 18 से 20 प्रतिशत efficient हो सकता है | 
  3. सोलर पैनल की दक्षता बढ़ने के लिए MPP technique का इस्तेमाल कर सकते हैं | 
  4. सोलर सेल को हम photovoltaic cell भी कह सकते हैं | 
तो दोस्तों आशा करता हु की मेरे द्वारा दी गयी ये सोलर पैनल के बारे में थोड़े सी basic जानकारी आपको समझ में आ गयी हो | इस ब्लॉग में हमने सोलर पैनल को काफी सरल शब्दों में समझने की कोशिश की है अगर आपको सावर ऊर्जा से जुडी जानकारी और भी विस्तार से जानने की इच्छा हो तो आप हमें कमेंट करके बता सकते हैं | आपका  इस ब्लॉग से जुडी कोई भी सुझाव  हो तो भी आप हमें बता सकते हैं |

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